गुलगाँव पहुँचकर पुलिस ने किया आम जनता से सीधा संवाद

गुलगाँव पहुँचकर पुलिस ने किया आम जनता से सीधा संवाद


एडीजी श्रीमती श्रीवास्तव ने ग्रामीणों की बोली में समझाई योजनाएँ


पुलिस और जनता के बीच सकारात्मक समझ विकसित करने के मकसद से आज रायसेन जिले के अनुसूचित-जाति बहुल ग्राम गुलगाँव के निवासियों से सीधा संवाद स्थापित किया गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजाक श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव के नेतृत्व में साँची में "अनुसूचित-जाति और अनुसूचित-जनजाति वर्गों के प्रति संवेदनशीलता'' पर दो दिवसीय राज्य-स्तरीय सेमीनार के दूसरे दिन गुलगाँव में ग्रामवासियों से संवाद कर वर्ग विशेष के लिये चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी गई।


श्रीमती श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की मंशानुसार कार्यक्रम को गुलगाँव में किया गया है। मकसद यह है कि योजनाओं में मिलने वाले तमाम अधिकार संबंधित व्यक्तियों तक पहुँचें और वे इसका लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि आमतौर पर घटना-दुर्घटना या कोई भी समस्या होने पर जन-सामान्य पुलिस को ही अवगत करवाते हैं और पुलिस भी उनकी लगातार मदद करने का प्रयास करती है। उन्होंने बताया कि अजा-अजजा वर्ग की सुविधा के लिये अजाक थाने भी बनाये गये हैं। महिलाओं पर हुए अपराध के लिये पुलिस थाने में महिला डेस्क स्थापित है, जहाँ महिलाएँ खुलकर अपनी बात महिला अधिकारी के साथ कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि एफआईआर की प्रति पाना आपका अधिकार है।


श्रीमती श्रीवास्तव ने ग्रामीणों से ग्रामीण बोली में ही कई संवाद किये। उन्होंने प्रोत्साहन स्वरूप गाँव की उप सरपंच गुलाबबाई को मंच पर स्थान दिया और कार्यक्रम को संबोधित करने का आग्रह भी किया। श्रीमती गुलाबबाई ने सभी का आभार मान धन्यवाद दिया। श्रीमती श्रीवास्तव ने जागरूकता के साथ पढ़ाई पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। इससे किसी के द्वारा दिये जा  रहे धोखे से बचा जा सकता है। उन्होंने ग्रामीणों से योजनाओं को जानने और सुझाव के संबंध में पहल करने को भी कहा। श्रीमती श्रीवास्तव ने ग्रामीणों के साथ भोजन भी किया। इस दौरान भी वे ग्रामीण महिलाओं के साथ चर्चा करते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण करती रहीं।


जिला कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा कि गुलगाँव एक आदर्श गाँव है। सामाजिक समरसता का उदाहरण है। यहाँ हर फैसले आपसी सहमति से हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य सभी वर्गों का उत्थान करना है। पुलिस अधीक्षक श्रीमती मोनिका शुक्ला ने अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति, उनके आश्रितों, साक्षियों को यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता, भरण-पोषण व्यय, परिवहन सुविधाएँ सहित अनुसूचित जाति-जनजाति संबंधी प्रावधानों के बारे में बताया। डीआईजी आई.पी. अरजरिया भी कार्यक्रम में मौजूद थे।


सरपंच बाबूलाल अहिरवार ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने महिला शक्ति पर कविता भी सुनाई। रायसेन जिले की जिला संयोजक श्रीमती पूजा द्विवेदी ने अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिये चलाई जा रही शासन की योजनाओं से अवगत करवाया।


कार्यक्रम में सोमल सिंह राजपूत, असलम बाबा, गौरीशंकर राजपूत, अंकित यादव, हीराबाई, सरस्वतीबाई राजपूत, शिव मंदिर के भगतजी, सूरजमल जैन, अफरोज बी, आनंद, कमलेश पाल सहित कई ग्रामवासियों ने संवाद में भागीदारी की। ग्रामवासियों द्वारा बतायी गई समस्याओं का निराकरण भी किया गया। अंत में जनपद सदस्य  रामबाबू सराठे ने आभार माना।


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